भारत के मंदिर | भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिर

नमस्ते दोस्तो, आज हम “भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिर” लेख के माध्यम से भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरो कि जानकारी जुटाणेकी कोशिश करेंगे जिनका इतिहास शतको सालो से जुडा हुवा है जो भारत ही नहीं बल्की संपूर्ण विश्व भर में हिंदू संस्कृति का जीता जागता प्रमाण है। मंदिर आस्था का केंद्र तो होते ही हैं, किंतु आज के समय में पर्यटन का भी एक प्रमुख केंद्र बिंदु बनते जा रहे हैं।

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भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिर:

१) वैष्णो माता मंदिर (जम्मू कश्मीर)

वैष्णो माता मंदिर भारत के उत्तर में जम्मू कश्मीर राज्य में स्थित है। यह मंदिर त्रिकूट पर्वत पर एक गुफा में स्थित है। यह मंदिर समुद्र तल से लगभग १५ किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है, यह देश के १०८ शक्तिपीठों में से एक है। यह मंदिर मां दुर्गा के स्वरूप माता वैष्णो देवी के लिए समर्पित है, हिंदू धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ यह मंदिर पर्यटन का भी प्रमुख क्षेत्र है। वैष्णो माता का मंदिर जम्मू कश्मीर के कटरा नामक जगह पर है। वैष्णो माता मंदिर के समीप ही भैरव जी का मंदिर भी स्थित है, जिसकी कहानी इसी मंदिर से जुड़ी हुई है।

२) काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी (उत्तर प्रदेश )

काशी विश्वनाथ मंदिर देश के प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, तथा भगवान शिव के १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक है। काशी विश्वनाथ मंदिर हिंदू धर्म की आस्था का प्रमुख केंद्र है, जो कि मां गंगा के तट पर स्थित है। वाराणसी को भगवान शिव की नगरी के नाम से भी जाना जाता है, काशी विश्वनाथ में विश्वनाथ का अर्थ ब्रह्मांड का स्वामी है।

३)प्रेम मंदिर वृंदावन (उत्तर प्रदेश)

भगवान श्री कृष्ण और राधा जी को समर्पित, यह मंदिर उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण वर्ष २००१ में जगत गुरु महाराज कृपालु जी महाराज के द्वारा करवाया गया। मंदिर के अंदर भगवान श्री कृष्ण और राधा जी की युगल छवि की मूर्ति विश्व की सबसे सुंदर मूर्तियों में से एक है। यह मंदिर पूर्णता सफेद संगमरवर से बना हुआ है, जिसकी सुंदरता देखते ही बनती है। तथा रात्रि के समय इसमें चार चांद लग जाते हैं। मंदिर के मध्य भाग में कृपालुजी महाराज की एक विशाल प्रतिमा भी स्थित है। प्रेम मंदिर की सुंदरता और बनावट को देखकर देश विदेश के लोग भी इस मंदिर का दीदार करने आते है।

४) महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन (मध्य प्रदेश)

उज्जैन को महकाल की नगरी के नाम से भी जाना जाता है, जिसका प्रमुख कारण महाकालेश्वर मंदिर ही है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर मध्य प्रदेश राज्य के उज्जैन जिले में स्थित है। महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव के १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक है, महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती विश्व भर में प्रसिद्ध है। एक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि रात्रि के समय मंदिर परिसर में कोई भी व्यक्ति ठहर नहीं सकता, क्योंकि रात्रि को यहां रुकने वाले का सब कुछ समाप्त हो जाता है। महाकालेश्वर मंदिर हिंदू संस्कृति का एक अद्वितीय धार्मिक स्थल है, तथा शिव भक्तों की शरण स्थली के रूप में भी जाना जाता है।

५) सोमनाथ मंदिर (गुजरात)

सोमनाथ मंदिर भारत के गुजरात प्रांत में स्थित है। यह मंदिर कपिला हिरण तथा सरस्वती नदी के संगम पर स्थित है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर भारत के प्रमुख प्राचीन मंदिरों में से एक है। सोमनाथ मंदिर भगवान शिव के १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक है। विदेशी आक्रांता महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर पर १७ बार आक्रमण किया, तथा सोमनाथ मंदिर को लूटकर ले गया। सोमनाथ मंदिर भगवान शिव के भक्तों का प्रमुख दर्शनीय स्थल है।

६) शनी सिगनापुर मंदिर (महाराष्ट्र)

यह मंदिर महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है। भगवान शनि को न्याय का देवता कहा जाता है, इसीलिए इस मंदिर को न्याय के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। शनिदेव का एकमात्र प्रसिद्ध मंदिर सिगनापुर में ही स्थित है। यह मंदिर भगवान शनिदेव के लिए समर्पित है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिगनापुर में किसी भी घर में दरवाजे नहीं होते, क्योंकि उनकी मान्यता है कि भगवान शनिदेव उनके घरों की रक्षा करते हैं। इसी विश्वास के कारण सिगनापुर के किसी भी घर में चोरी नहीं होती।

७) सूर्य मंदिर कोणार्क (उड़ीसा)

कोणार्क का सूर्य मंदिर देश के प्रमुख सूर्य मंदिरों में से सबसे प्रमुख है। यह मंदिर उड़ीसा के कोणार्क में स्थित है। कोणार्क सूर्य मंदिर यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित किया गया है। यह मंदिर भगवान सूर्य देव को समर्पित है। इस मंदिर की आकृति कुछ इस प्रकार है कि यह सात घोड़ों के द्वारा सूर्यदेव को खींचते हुए प्रतीत होता है। मंदिर के तीन प्रमुख हिस्से हैं जिनमें सुबह दोपहर तथा शाम की सूर्य की पहली किरण मंदिर के तीनों प्रमुख हिस्सों में क्रमशः पड़ती है।

८) अमरनाथ मंदिर (जम्मू कश्मीर)

अमरनाथ मंदिर श्रीनगर से करीब १४० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो कि लगभग ३८ सौ ८० मीटर की ऊंची पहाड़ी पर एक गुफा में स्थित है। गुफा के अंदर भगवान शिव के बर्फ से बने शिवलिंग की पूजा की जाती है। यह मंदिर दर्शनार्थियों हेतु केवल ग्रीष्म ऋतु में खोला जाता है। अमरनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जोकि भगवान शिव के १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, अमरनाथ मंदिर की यात्रा करने के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह क्षेत्र बहुत ही दुर्गम क्षेत्र है। जहां पर जाना हर किसी के लिए आसान काम नहीं है। अमरनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा तथा देखभाल हेतु भारतीय सेना तथा अर्धसैनिक बल के जवान तैनात किए जाते हैं। अमरनाथ की यात्रा शिवलिंग निर्माण से लेकर शिवलिंग के पिघलने तक जारी रहती है।

९) स्वर्ण मंदिर अमृतसर (पंजाब)

स्वर्ण मंदिर पंजाब प्रांत के अमृतसर में स्थित है। स्वर्ण मंदिर सिख समुदाय की आस्था का प्रमुख केंद्र है। स्वर्ण मंदिर पर कई बार विध्वनशक आक्रमण हुए, जिसके पश्चात मंदिर के वर्तमान स्वरूप का निर्माण १८३० में महाराजा रणजीत सिंह द्वारा सफेद संगमरमर और सोने से किया गया। मंदिर निर्माण में सोने के उपयोग के कारण ही इस मंदिर को स्वर्ण मंदिर कहा जाता है। मंदिर में स्थित अमृत सरोवर नाम का एक सरोवर है जिस में आने वाले दर्शनार्थी स्नान करते हैं। कहा जाता है कि, इस सरोवर में स्नान करने पर व्यक्ति के सारे रोग दूर हो जाते हैं।

१०) अक्षरधाम मंदिर (दिल्ली)

भगवान श्री स्वामीनारायण को समर्पित यह मंदिर भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित है। अक्षरधाम मंदिर को दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिर के रूप में गिनीज बुक में जगह मिली है। अक्षरधाम मंदिर वर्ष २००५ में फिर से बनाया गया। यह मंदिर आधुनिक शैली में बना हुआ मंदिर है। मंदिर की सुंदरता और विशालता के कारण यह समूचे विश्व में ख्याति प्राप्त हिंदू मंदिर है। अक्षरधाम मंदिर का दर्शन करने के लिए विदेशों से भी अनेकों पर्यटक और दर्शनार्थी आते हैं।

आशा करता हूं कि यह जानकारी आपके लिए बहुत ही अच्छी लगी होगी, और आपके लिए सहायक भी सिद्ध होगी । यदि आप भी मंदिरों के दर्शन का शौक रखते हैं तो कृपया इन मंदिरों का दीदार करना कभी भी ना भूलें।

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